बावासीर (Piles)
बावासीर (Piles or
Hemorrhoids) शिराओं (veins) का सूजन (swollen) है जो गुदा (anus) और मलाशय
(rectum) में और उसके आसपास पायी जाती हैं | सूजन में नसों के अलावा आसपास के सहायक ऊतक (supportive tissue), मांसपेशी (muscles), और लचीले तंतु (elastic
fibers) भी पाए जाते हैं |
जब बावासीर होता है तो सूजन (inflammation) अधिक हो जाता है और शिराएँ
(veins) खीँच (stretched) जाती हैं और पतली (thin) हो जाती हैं तथा शौच के समय दर्द
भी करती हैं |
प्रकार (Types of piles)
पाइल्स को मुख्यतः दो भागों में विभाजित किया जा सकता है:
आंतरिक बवासीर (Internal Piles) -
मलाशय (rectum) के भीतर स्थित होता है, और इसे देखा या महसूस नहीं किया जा सकता है। इसका
एकमात्र प्रमुख लक्षण खून का बहना (bleeding) पाया जाता है ।
आंतरिक बवासीर को 4 ग्रेड में विभाजित किया जा सकता है:
- ग्रेड 1 (Grade 1 ) : ये छोटे (tiny) बवासीर (hemorrhoids) होते हैं, जो गुदा के अस्तर (lining of the anus) के भीतर (within) होते हैं ।
- ग्रेड 2 (Grade 2) : ये बवासीर भी गुदा के भीतर ही होते हैं और ग्रेड 1 बवासीर से थोड़े बड़े होते हैं । ये बवासीर मल को पास करते समय बाहर निकल सकते हैं लेकिन फिर अपने आप ही मूल स्थिति (original position) में लौट आते हैं।
- ग्रेड 3 (Grade 3) : इन्हें 'प्रोलैप्सड हेमरॉइड्स' (prolapsed hemorrhoids) के रूप में भी जाना जाता है। वे गुदा के बाहर दिखाई देते हैं। रोगी अपनी उंगलियों से इन्हें दबाकर अन्दर धकेल सकता है।
- ग्रेड 4 (Grade 4) : इन बवासीर को अन्दर नहीं धकेला जा सकता है और हर समय गुदा के बाहर ही रहते हैं
बाहरी बवासीर (External Piles) -
ये गुदा के चारों ओर त्वचा के ठीक नीचे स्थित होते हैं, जहाँ कई दर्द-संवेदनाएँ (pain sensory nerves) होती
हैं। इसलिए, इनमें दर्द (pain) के साथ-साथ खून भी बहते (bleeding) हैं।
कारण (Causes of piles)
आंतरिक बवासीर (Internal Piles) तब बनते हैं जब मलाशय के अंदर रक्त वाहिकाएं (blood vessels)
सूज (swollen) जाती हैं और फुल (engorged) जाती हैं।
बाहरी बवासीर (External Piles) मोटापा (obesity), गर्भावस्था (pregnancy) के कारण बढ़े हुए दबाव के
कारण हो सकता है, एक खिंचाव (stretch) पर लंबे समय तक बैठे या खड़े रहना, टॉयलेट में ज्यादा दबा
देना (straining), खाँसना (coughing), छींकना (sneezing), उल्टी आना (vomiting) और बहुत ज्यादा
(strenuous) शारीरिक श्रम (physical labor) करने के लिए दबाव डालते हुए अपनी सांस रोकना।
बवासीर के प्राथमिक कारणों में शामिल हैं:
- बवासीर के लिए आनुवंशिक गड़बड़ी (genetic predisposition)
- आहार में फाइबर (fiber) की कमी
- अपर्याप्त तरल पदार्थ (fluid) का सेवन
- आसीन (sedentary) जीवन शैली (life style)
- तनाव (stress)
- मल पास करते समय तनाव (straining)
- कब्ज (constipation)
- काफी समय तक लगातार बैठना या खड़े रहना |
- शौचालय पर लंबे समय तक बैठे रहना (sitting) |
- गर्भावस्था (pregnancy) |
- लगातार भारी सामान उठाना |
- मोटापा (obesity) |
- पहले का आंत्र (bowel) का सर्जरी होना |
- सर्जरी के बाद आंत (intestine) का अवरोध (constriction) |
- रीढ़ की हड्डी की चोट जो मूत्राशय (bladder) और मलाशय (rectum) की शिथिलता (dysfunction) पैदा करता है |
जोखिम कारक (Risk Factors of piles)
कुछ लोगों को बवासीर होने का जोखिम दूसरों की तुलना में अधिक होता है। इसके कई कारण हो सकते हैं:
- बवासीर के लिए आनुवंशिक प्रवृत्ति, जिसका अर्थ है कमजोर शिरायें (veins) आनुवंशिक हो सकती हैं | आहार (diet) में कम फाइबर (fiber) कब्ज (constipation) पैदा कर सकता है जो बवासीर का कारण बन सकता है |
- गर्भावस्था (pregnancy) |
- अत्यधिक खांसी या छींक आना |
- अधिक समय तक लगातार बैठना या खड़े रहना |
- गुदा के चारों ओर अत्यधिक तनाव (straining) |
- बहुत ज्यादा शारीरिक श्रम करना जिसमें पेट में दबाव (pressure) पड़ता हो |
- मोटापा (obesity) |
लक्षण (Symptoms of piles)
बवासीर के लक्षणों में शामिल हैं:
- गुदा से रक्तस्राव (bleeding) । मल त्याग या टॉयलेट पेपर से रक्त बह सकता है।
- मल त्याग के दौरान दर्द (pain)
- दर्दनाक (painful ) सूजन (swelling) या गुदा के पास एक गांठ (lump)
- गुदा के आसपास जलन (burning) और दर्द (pain)
- गुदा (anus) में खुजली (itching)
- गुदा से श्लेष्म निर्वहन (mucous discharge)
- गुदा के आसपास सख्त गांठ (hard lump)
- गुदा के आसपास (around) का क्षेत्र लाल (red) हो जाता है और दुखता (soreness) है
पहचान (Diagnosis of piles)
यदि डॉक्टर को संदेह है कि आपको बवासीर (Piles) है, तो वह बवासीर का पहचान करने के लिए आपके गुदा की एक दृश्य (visual) परीक्षा (examination) करेगा।
डॉक्टर इसके अतिरिक्त एक परीक्षण भी लिख सकता है जिसे सिग्मोइडोस्कोपी (sigmoidoscopy) कहा जाता है। डॉक्टर अन्य परीक्षण भी करा सकता है जैसे कि कोलोनोस्कोपी (colonoscopy), एनोस्कोप (anoscopy) और प्रोक्टोस्कोपी (proctoscopy) भी लिख सकते हैं |
इलाज़ (Homeopathic Treatment for piles):
बवासीर (Piles ) को होमियोपैथी द्वारा सफलतापूर्वक जड़ से ठीक किया जा सकता है | इसमें बहुत सी दवाएँ लाभप्रद हैं जैसे - Sulph, Nux-v, Aesc-h, Lyc, Carb-v, Coll, Hemam, Ars, Thuja, Sep, Lach, इत्यादि और भी बहुत सारी दवाएँ हैं जो इसमें अच्छा काम करती हैं |
होमियोपैथी द्वारा इलाज़ रोग के लक्षणों के आधार पे किया जाता है | अतः अपने से कोई दवा का सेवन ना करें |
बवासीर के सम्पूर्ण उपचार के लिए एक बार ज़रूर संपर्क करें |
(Contact us for complete treatment for Piles)Homeopathic Treatment for Piles :
Homeopathic Treatment for Piles || Bhavana Homeo Clinic ||
Reviewed by Bhavana Homeo Clinic
on
January 27, 2019
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Thanks for sharing a great tips about homeopathic treatment for piles. Many people asked me this question Can homeopathy cure piles? And I always say them Yes its a permanent solution to cure this disease. The acute case of piles having symptoms of bleeding , pain ,itching can be very well treated by proper homeopathy treatment which gives along standing cure to this condition.
ReplyDeleteayurvedic medicine for piles